पप्पू यादव

झारखंड चुनाव पर पप्पू यादव की भविष्यवाणी: JMM गठबंधन की वापसी की उम्मीद, भाजपा पर तीखा प्रहार

झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है, और ऐसे में निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के गठबंधन की जीत का भरोसा जताते हुए बड़ा बयान दिया है। यादव का मानना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रगतिशील विचारधारा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विकास मॉडल की वजह से जनता मौजूदा गठबंधन को फिर से चुनने के लिए तैयार है।

झारखंड में गठबंधन सरकार की वापसी की उम्मीद

पप्पू यादव का कहना है कि झारखंड के लोग मौजूदा सरकार से संतुष्ट हैं और इस बार फिर से गठबंधन सरकार को बहुमत देंगे। पप्पू यादव ने दावा किया, “राहुल गांधी की विचारधारा और हेमंत सोरेन के विकास मॉडल के कारण राज्य में एक बार फिर JMM गठबंधन की सरकार बनेगी।”

यादव ने आगे कहा कि जनता भाजपा की नीतियों से तंग आ चुकी है और इस चुनाव में वे स्पष्ट संदेश देंगे। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी झारखंड के आदिवासियों, दलितों और छोटे व्यापारियों की अपेक्षा पूंजीपतियों के पक्ष में काम करना चाहती है।


पप्पू यादव
झारखंड चुनाव पर पप्पू यादव की भविष्यवाणी

भाजपा पर पप्पू यादव का तीखा हमला

रांची में कांग्रेस भवन में संवाददाता सम्मेलन के दौरान पप्पू यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “झारखंड में आदिवासियों, दलितों, छोटे व्यापारियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है, लेकिन भाजपा केवल पूंजीपतियों के लिए सरकार बनाना चाहती है।” यादव के अनुसार, भाजपा झारखंड के मूल निवासियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है, और इस बार जनता उन्हें करारा जवाब देने के लिए तैयार है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर आरोप

पप्पू यादव ने असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा पर भी तीखे हमले किए। उन्होंने सरमा पर भ्रष्टाचार के आरोपों की बात करते हुए निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि जब भी सरमा झारखंड आएं, तो उनके होटल, ऑफिस और विमानों की जांच सुनिश्चित की जाए।

यादव ने कहा, “असम के मुख्यमंत्री पर कई भ्रष्टाचार के आरोप हैं। झारखंड में उनकी मौजूदगी जनता के लिए एक सवालिया निशान है, और उनकी जांच होनी चाहिए।” यादव के इस बयान ने भाजपा की चुनाव रणनीति पर सवाल खड़ा कर दिया है।

भाजपा पर बांग्लादेशी घुसपैठ के आरोपों पर टिप्पणी

भाजपा की ओर से झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के आरोपों को लेकर पप्पू यादव ने इसे केंद्र सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेशी राज्य में घुसपैठ कर रहे हैं, तो यह केंद्र सरकार की नीतियों और सुरक्षा व्यवस्थाओं की नाकामी है। यादव का यह बयान भाजपा के खिलाफ एक और तीखा हमला है, जो कि केंद्र की सुरक्षा नीतियों पर भी सवाल उठाता है।

झारखंड चुनाव: महत्वपूर्ण तिथियाँ और चुनावी रुझान

झारखंड की 81 सीटों पर 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होने जा रहा है। इन चुनावों में मतगणना 23 नवंबर को होगी, जिसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चुनावी रैलियों का आयोजन हो रहा है और प्रत्याशी अपने-अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं।

JMM का जोर स्थानीय विकास और अधिकारों पर

हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य में कई जनहित योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें ग्रामीण विकास, रोजगार योजनाएं, पेंशन योजनाएं और छोटे व्यापारियों के लिए वित्तीय सहायता शामिल हैं। पप्पू यादव ने इन योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठबंधन झारखंड के लोगों के लिए समर्पित है और उनकी पहचान और अधिकारों की रक्षा करना चाहता है।

यादव का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का उद्देश्य राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को बाहरी हस्तक्षेप से बचाना और झारखंड के मूल निवासियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना है। उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने आदिवासियों और दलितों के अधिकारों को प्राथमिकता दी है और इसी वजह से जनता उनके पक्ष में है।

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा ने पप्पू यादव के इन बयानों को खारिज करते हुए इसे एक चुनावी बयानबाजी बताया। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी राज्य में सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखती है और उनका लक्ष्य राज्य में विकास और समृद्धि लाना है। भाजपा ने यह भी दावा किया कि उनका चुनावी एजेंडा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास पर आधारित है।

निष्कर्ष

झारखंड विधानसभा चुनावों में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प और कड़ा नजर आ रहा है। जहां पप्पू यादव जैसे नेता कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन के पक्ष में खुलकर बोल रहे हैं, वहीं भाजपा अपनी नीतियों और चुनावी एजेंडे के साथ मैदान में उतरी है।

पप्पू यादव की इस भविष्यवाणी ने चुनावी माहौल में नई ऊर्जा भर दी है, और अब देखना यह है कि जनता किसे अपना समर्थन देती है। झारखंड के लोग किसे अपने राज्य के विकास का असली दावेदार मानते हैं, इसका फैसला 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगा।

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