झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के बीच एक अहम सियासी हलचल सामने आई है। गोविंदपुर के झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के केंद्रीय सदस्य धरनीधर मंडल उर्फ गामा मंडल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह कदम इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि पार्टी महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने धरनीधर मंडल को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
धरनीधर मंडल के पिता और सिंदरी विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके फूलचंद मंडल, पहले भाजपा के साथ थे। 2019 में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए थे, परंतु इस चुनाव में टिकट न मिलने के बाद अब उनके बेटे ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है।
पिछली चुनावी हार और पार्टी के भीतर असंतोष
2019 के चुनाव में, फूलचंद मंडल ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से सिंदरी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के इंद्रजीत महतो ने इस चुनाव में जीत दर्ज की थी, जबकि मंडल तीसरे स्थान पर रहे थे।
टिकट को लेकर धरनीधर मंडल की नाराजगी
इस चुनाव में, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सिंदरी विधानसभा सीट को गठबंधन के तहत भाकपा (माले) के खाते में दे दिया। माले पार्टी ने यहाँ से चंद्रदेव महतो उर्फ बबलू महतो को उम्मीदवार बनाया है, जो मार्क्सवादी समन्वय समिति से चार बार विधायक रहे आनंद महतो के बेटे हैं। धरनीधर मंडल को उम्मीद थी कि इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा से उन्हें टिकट मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस निराशा के चलते धरनीधर मंडल ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया।
सिंदरी सीट पर ‘लाल झंडे’ का गढ़
सिंदरी सीट लंबे समय तक वामपंथी दलों का गढ़ रही है। साल 2000 में पहली बार फूलचंद मंडल ने भाजपा के टिकट पर यहाँ से जीत हासिल की थी और ‘लाल झंडे’ को हटाकर इस सीट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इसके बाद 2005 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, फिर भी मंडल ने पार्टी का समर्थन जारी रखा।
फूलचंद मंडल का झारखंड विकास मोर्चा और भाजपा से नाता
फूलचंद मंडल ने 2009 के चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 2014 में वे फिर से भाजपा में लौटे और इस बार भी उन्हें टिकट मिला और वे विधायक बने। हालांकि, 2019 में उम्र के कारण उन्होंने अपने बेटे के लिए टिकट मांगा, लेकिन भाजपा ने इंद्रजीत महतो को टिकट दिया। इस कारण फूलचंद मंडल ने भाजपा से अलग होकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया।
धरनीधर मंडल का राजनीतिक सफर और उनका प्रभाव
धरनीधर मंडल पिछले तीन वर्षों से सिंदरी क्षेत्र में मेहनत कर रहे थे। उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाई है और जनता के बीच अपनी पहचान बनाने के लिए मेहनत की है। उनकी पत्नी माया देवी 2010 से 2015 तक धनबाद जिला परिषद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
झारखंड चुनाव में JMM का गठबंधन
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आगामी चुनाव में गठबंधन के तहत सीटों का बंटवारा किया है। सिंदरी विधानसभा सीट भाकपा (माले) के खाते में जाने के कारण यहां से टिकट न मिलने से धरनीधर मंडल की नाराजगी बढ़ गई थी। यह नाराजगी तब खुलकर सामने आई जब उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला लिया।
चुनावी परिदृश्य पर असर
धरनीधर मंडल के इस कदम का चुनाव पर असर पड़ सकता है। सिंदरी सीट पर लंबे समय तक मंडल परिवार का दबदबा रहा है। उनके इस निर्णय के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थिति पर असर देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सिंदरी विधानसभा सीट पर सियासी घमासान तेज हो गया है। धरनीधर मंडल का पार्टी से त्यागपत्र देना और झामुमो से नाराज़गी जाहिर करना, झारखंड की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है।
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