Kalpana Soren’s Bold Attack on BJP in Jharkhand Elections:झारखंड के विधानसभा चुनावों में माहौल गर्माते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की स्टार प्रचारक और विधायक कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को कई सीटों पर आयोजित चुनावी सभाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा। भवनाथपुर, बिशुनपुर, मझगांव, और ईचागढ़ में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा पर झारखंड के खनिज, प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी संस्कृति को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
भाजपा के एजेंडे पर सवाल
कल्पना सोरेन ने दावा किया कि भाजपा राज्य के संसाधनों पर कब्जा करने के इरादे से चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा का असली उद्देश्य झारखंड के खनिज और प्राकृतिक संसाधनों का लाभ उठाना है, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य की अस्मिता, संस्कृति, और संसाधनों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रही है।” उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ बड़े कॉरपोरेट और बाहरी तत्वों के हाथों में खेल रही है।
हेमंत सोरेन की सरकार की उपलब्धियाँ
कल्पना सोरेन ने राज्य में झामुमो सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और हेमंत सोरेन को जनता का सच्चा नेता बताया। उन्होंने कहा, “हेमंत सोरेन ने राज्य के गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बिजली बिल माफी, मइया सम्मान योजना, वृद्धावस्था पेंशन, मुफ्त राशन वितरण, और विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं ने झारखंड के लोगों को राहत प्रदान की है।”
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को झारखंड के असली मुद्दों का ज्ञान नहीं है। “जो नेता बाहर से आकर यहां प्रचार कर रहे हैं, वे झारखंड की भाषा, संस्कृति और यहां के लोगों के मुद्दों से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। हेमंत सोरेन जनता की तकलीफों में उनके साथ खड़े रहते हैं और उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते हैं।”
भाजपा की चुनावी रणनीति पर सवाल
भाजपा की रणनीति पर निशाना साधते हुए कल्पना सोरेन ने कहा कि भाजपा ने राज्य के आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के नेताओं को हाशिये पर रखकर बाहरी नेताओं को कमान सौंप दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का असली मकसद सिर्फ झारखंड के समाज में फूट डालना है।
उन्होंने आगे कहा, “भाजपा के पास सिर्फ खोखले वादे हैं। उनका काम समाज को आपस में लड़ाने तक ही सीमित रह गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड की पहचान, भाषा और संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए लड़ाई लड़ रही है।”
झारखंड की अस्मिता की लड़ाई
कल्पना सोरेन ने इस चुनाव को झारखंड की अस्मिता, संस्कृति और अधिकारों की लड़ाई बताया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे लोगों को चुने जो राज्य के असली मुद्दों को समझते हैं और झारखंड की बेहतरी के लिए काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि झामुमो झारखंडियों की पहचान और भाषा के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा की कथनी और करनी में अंतर
कल्पना सोरेन ने भाजपा की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ खोखले वादों और दिखावे की राजनीति में यकीन रखती है। “भाजपा ने जो भी वादे किए हैं, वे सिर्फ दिखावे के लिए हैं और उनका उद्देश्य राज्य के लोगों को सिर्फ भ्रमित करना है।” उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे ऐसे लोगों को न चुनें जो केवल वादे करते हैं लेकिन उन पर अमल नहीं करते।
निष्कर्ष
कल्पना सोरेन के आरोपों से स्पष्ट है कि झारखंड विधानसभा चुनावों में मुद्दों की लड़ाई बेहद गहरी होती जा रही है। झामुमो अपने राज्य की अस्मिता, संस्कृति और संसाधनों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है, जबकि भाजपा पर बाहरी हस्तक्षेप के आरोप लगाए जा रहे हैं। अब देखना यह है कि जनता किसे समर्थन देती है और किस तरह का नेतृत्व राज्य को मिल पाता है।
नोट: इस चुनावी संघर्ष में दोनों पार्टियां अपनी-अपनी नीति और विचारधारा के साथ आगे बढ़ रही हैं। झारखंड की जनता को इस चुनाव में अपने भविष्य के लिए सही नेता चुनने का अवसर है, जो राज्य की संस्कृति, संसाधन और अस्मिता को सुरक्षित रख सके।
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